अकलमंद बीवी की तलाश में तीन सवाल
एक शख्स था जिसका नाम शन अरब में उसकी पहचान एक निहायत जहीन व फतीन और बुद्धिमान इंसान की सी थी|
लोग उसकी खूबसूरत हिक्मत भरी बा माना गुफ्तगू और खुश खुश होते/
दूर-दूर तक उसकी इज्जत थी अब उसकी शादी की उम्र थी उसने शादी के लिए तग संघर्ष शुरू की ख्वाहिश उसकी यह थी कि ऐसी बीवी मिले जो उसकी तरह समझदार और जहीन हो/
उसने कहा मैं अपने इलाके में मुख्तलिफ जगहों पर जाऊंगा और अपने लिए बीवी तलाश करुं गा एक दिन उसने इसी मकसद के लिए करीबी गांव का इरादा किया/
अभी अपने गांव से निकला ही था कि एक आदमी मिल गया वह भी उसी गांव जाने का इरादा रखता था दोनों चलने लगे तो
शन- (कहने लगा) साथी (أتحملنی ام أحملك)
तुम मुझे उठाओगे या मैं तुम्हें उठाऊं
वह आदमी -जवाब में बोला (ياجاهل كيف يحمل الراكب
الراكب)
ऐ जाहिल भला कभी किसी सवार ने भी दूसरे सवार को उठाया है/
जरा आगे बढ़े एक खेती नजर आई जिसकी फसल पक चुकी थी
शन: (कहने लगा) [أتری هٰذا الزرع قد أكل أم لا]
तुम्हारा क्या ख्याल है इस खेती का अनाज खाया गया है या नहीं
उस आदमी: (ने कहा) [يا جاهل! أما تراه قائما؟ ]
ऐ जाहिल
क्या तुझे नजर नहीं आता की फसल खड़ी है/
जरा आगे बढ़े तो उन्हें एक जनाजा दिखाई दिया
शन: (ने अपने साथी से पूछा) तुम्हारा क्या ख्याल है यह जनाजा वाला शख्स जिंदा है या मुर्दा
अब तो उसके हमसफर का पैमाना लबरेज हो चुका था
(वह आदमी) कहने लगा: दुनिया में बड़े-बड़े जाहिल और ग़बी लोग देखें मगर तेरा जैसा कोई नहीं देखा क्या कभी तुमने किसी जिंदा शख्स का जनाजा कब्रिस्तान की तरफ जाते हुए देखा है/
इसी दौरान में उनका मतलूबा गांव आ गया और वह आदमी अपने घर पहुंचा तो उसने अपने घरवालों से उस शख्स का जिक्र किया और उसकी बातें बताएं उसकी एक बेटी थी जिसका नाम त़बका था
वह(तबका) कहने लगी:
(1) उस शख्स का यह कहना कि तुम मुझे उठा दोगे या मैं तुम्हें उठाऊं? उस का मफहूम यह था कि वह आपसे बात करना चाहता था ताकि कहते सुनते सफर कट जाए
(2) उस शख्स का यह कहना कि तुम्हारा क्या ख्याल है इस खेती का अनाज खाया गया है या नहीं उस से मुराद यह थी ऐसा तो नहीं की खेती के मालिकों ने इस खड़ी फसल को फरोख्त कर (बेच) के इसकी कीमत खा ली हो/
(3) जहां तक मुसाफिर का यह सवाल था जनाजा जिंदा है या मुर्दा तो उसका मकसद यह था कि इस मुर्दे ने अपने पीछे नेक औलाद या कोई काबिल कद्र करनामा छोड़ा है जिससे उसका जिक्रे खैर बाकी रहे/
लड़की का बाप शन को तलाश करते हुए उससे जा मिला और उसे अपनी बेटी की बातें सुनाई
शन ने कहा: मुझे इसी तरह की औरत की तलाश तो थी/
चुनान्चे उसने उस लड़की का रिश्ता तलब किया और फिर शादी करके अपने गांव ले आया/
लोगों ने : जब उस लड़की की अक़ल और जिहानत देखी जो बे अख्तियार कह उठे (وافق شن طبقة)
होश्यार नौजवान {शन} को
जहीन व फतीन दोशीज़ह (तबका) हाथ लग गई/
फिर उस के बाद यह मिसाल
राइज हो गई.
No comments:
Post a Comment